What is TCP/IP || जाने हिंदी में

TCP/IP:

इनका पूरा नाम ट्रांसमिशन कण्ट्रोल Protocol (Transmission Control Protocol TCP ) , इन्टरनेट Protocol (Internet Protocol IP ) है । यह दोनों संचार Protocol का एक समूह है ।

इन्टरनेट पर स्थित विभिन्न प्रकार के Computers व Networks के बीच Communication करवाने वाले Communication Protocols का एक समूह होता है। TCP/IP Suite में मुखय रूप से निम्न Protocols होते हैं ।

  • (IGMP) Internet Group Multicast प्रोटोकॉल।
  • (ICMP) Internet Control Message प्रोटोकॉल।
  • (UDP) User Datagram प्रोटोकॉल।

ये सभी प्रोटोकॉल मिलकर विभिन्न प्रकार के Hosts के बीच Information लेन देन करने के लिए एक Standard Format बनाया करते हैं। TCP/IP का Implementation लगभग सभी प्रकार के हार्डवेयर व ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए समान रूप से काम करता है। इसलिए सभी प्रकार के नेटवर्क TCP/IP के प्रयोग द्वारा आपस में जुड़ सकते हैं।

क्या है TCP/IP की हिस्ट्री:

Arpanet में जिस प्रोटोकॉल का Use हुआ । उसे नेटवर्क कण्ट्रोल प्रोटोकॉल (NCP) कहा गया। बाद में जब इसकी जरुरत बढ़ी और ये जब एक बड़े Network को कनेक्ट करने में असफल हो रहा था । तब 1974 में Vint Cerf और Bob Kahn ने एक नई Technology को Introduced किया ।

जिसे ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) कहा गया । जो जल्द ही NCP को Replace करता। तभी साल 1978 में कुछ नए Development के बाद एक नये प्रोटोकॉल Suite को Introduce किया गया। जिसे ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल/इन्टरनेट प्रोटोकॉल (TCP/IP) कहा गया।

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फिर उसके बाद 1982 में ये Dicide  हुआ की अब NCP को TCP/IP से बदला जायेगा । जिसे Arpanet का Standard Lanugage के रूप में। इस प्रकार से 1983 में Arpanet को TCP/IP से बदल दिया गया और Network का विकास बहुत तेजी से हुआ।

TCP/IP नेटवर्क मॉडल में चार लेयर्स होती हैं। TCP/IP Suite का हर प्रोटोकॉल इन चारों लेयर्स में से किन्हीं दो लेयर्स को आपस में Communicate करवाने का काम करता है। इस मॉडल में लोअर- लेवल लेयर, हायर-लेवल लेयर के लिए Data Provide करने का काम करता है। जिससे दो Host आपस में Connect हो पाते हैं। ये चारों Layers निम्नानुसार हैं:

  • Physical Layer (Ethernet, Token Ring, PPP)
  • Network Layer (IP)
  • Transport Layer (TCP, UDP)
  • Application Layer (Telnet, HTTP, FTP, Gopher)TCP IP in hindi

Physical Layer in Hindi:

OSI रेफरेंस Model की सबसे नीचे कि Layer Physical Layer है। यह Layer Physical तथा इलेक्ट्रिकल कनेक्शन के लिए Responsible रहता है। जैसे:- वोल्टेज, डेटा रेट्स आदि। इस Layer में Digital signal, Electrical signal में बदल जाते है।

इस Layer में Network के लेआउट अर्थात Network की टोपोलॉजी का कार्य भी होता है। Physical Layer पर, फिजिकल मेडियम द्वारा सपोर्टेड सिग्‍नल के टाइप का उपयोग करके डेटा ट्रांसमिट किया जाता है: इलेक्ट्रिक वोल्टेज, रेडियो फ्रीक्वेंसी, या इंफ्रारेड या आर्डिनरी लाइट के पल्‍स।

Network Layer in Hindi:

Network Layer OSI Model की तीसरी Layer है इस Layer को Packet unit भी कहा जाता है। इस Layer में switching तथा routing technique का प्रयोग किया जाता है।

इसका कार्य I.P. address provide कराना है। Network Layer में जो डेटा होता है वह पैकेट्स के रूप में होता है और इन पैकेट्स को source से destination तक पहुँचाने का काम Network Layer का होता है।

Transport Layer in Hindi:

ट्रांसपोर्ट Layer OSI Model की चोथी Layer है। इस Layer में जो प्रोटोकॉल है उनसे end-to-end स्टेशन डाटा transport सर्विसेज प्राप्त होती है और इनके द्वारा सेंडिंग होस्ट से डेस्टिनेशन होस्ट के बीच काल्पनिक कनेक्शन बनाये जाते है। जाना पहचाना जोड़ा Tcp और Udp प्रोटोकॉल इसी Layer में आते है।

Application Layer in Hindi:

Application Layer OSI Model की सातवीं Layer है। Network ऐप्‍लीकेशन द्वारा इम्प्लीमेंट किया जाता है। यह ऐप्‍लीकेशन डेटा को प्रोडयुस करते हैं। जिसे Network पर ट्रांसफर किया जाता हैं।

यह Layer Network एक्‍सेस के लिए ऐप्‍लीकेशन सर्विसेस के लिए विंडो के रूप में कार्य करता हैं। और यूजर्स को प्राप्‍त इनफॉर्मेशन को दिखाता हैं।

Summary:-

दोस्तों हमने इस ब्लॉग पोस्ट में TCP/IP के बारे में हिंदी में जाना है। में उम्मीद करता हु की आपको TCP/IP के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। कमेंट करके जररू बताना यह ब्लॉग पोस्ट केसी लगी।

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